महंगाई को लेकर तेजस्वी यादव अक्सर बीजेपी और नीतीश कुमार पर हमलावर रहते हैं। चाहे वो रोज़गार का मामला हो, भ्रष्टाचार का मामला हो, अपराध का मामला हो, इन सभी मुद्दों पर तेजस्वी यादव लगातार एनडीए पर हमलावर हैं। बीते दिनों मीडिया से मुलाक़ात के दौरान उन्होंने लोगों से महंगाई को लेकर सवाल किया। नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने कहा की कोई एक सब्ज़ी का नाम बताएं जो 45 रुपये से कम हो। आलू, प्यार, टमाटर सहित लगभग सभी सब्ज़ियों के दाम आसमान छू रहे हैं। सब्ज़ी और खाद्य पदार्थों जैसे चावल, तेल आदि की कीमतें जिस तरह से बढ़ रही हैं उसके कारण आम आदमी का पूरा बजट बिगड़ गया है। गरीब आदमी का जीना मुहाल हो गया है।
एनडीए सरकार पर सवाल करते हुए तेजस्वी यादव ने कहा की सरकार के पास महंगाई को लेकर कोई जवाब नहीं है। ये कैसी डबल इंजन की सरकार है जिसमे जनता महंगाई की चक्की में पिसती ही जा रही है? उन्होंने सरकार पर आरोप लगते हुए कहा की बिचौलियों को फ़ायदा पहुँचाने के लिए खाद्य पदार्थों की कीमत में वृद्धि की गई है जिसके कारण आम आदमी और किसान दोनों को नुकसान हो रहा है।
मौजूदा समय में महंगाई अपनी चरम सीमा पर है इसमें कोई शक नहीं। चाहे वह बिहार हो या देश की राजधानी दिल्ली, कमोबेश सभी जगह यही स्थति है। हालांकि मौजूदा सरकार ने महंगाई बढ़ने को लेकर अभी तक कोई स्पष्टीकरण नहीं दिया है और ऐसी उम्मीद की जा सकती है की इसको लेकर कोई जवाब आएगा भी नहीं। सावन का मौसम आने वाले है और ऐसे में बिहार जैसा प्रदेश जो हर साल बाढ़ में डूब जाता है उसको लेकर अभी तक कोई ठोस कदम उठाते हुए सरकार नहीं दिख रही है। ऐसे में व्यवस्था का बिगड़ना और आपूर्ति में बाधा होना लाज़मी हो जाएगा जिसका सीधा नुकसान आम आदमी के जीवन पर पड़ता है।
हालांकि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने नदियों के बढ़ते जलस्तर को लेकर हवाई सर्वेक्षण किया है। पश्चिम चम्पारण, पूर्वी चम्पारण और गोपालगंज की नदियों का जायज़ा उन्होंने आज लिया है। उन्होंने बाढ़ जैसी स्थिति को देखते हुए सभी अधिकारीयों और संबंधित विभागों को अलर्ट रहने का भी आदेश दिया है।
ज़ुबानी जंग होगी तेज़
अगले साल 2025 में बिहार विधानसभा का चुनाव होना है जिसके लिए पक्ष-विपक्ष में सभी पार्टियां एक दूसरे पर ज़ुबानी हमला कर रही है। हालांकि ऐसा तो अक्सर होता है लेकिन चुनाव जैसे-जैसे करीब आता जाएगा, यह ज़ुबानी जंग और तेज़ होती जाएगी। अब देखना है की बिहार की गद्दी का अगला सिरमौर कौन होगा? क्या नीतीश वापसी करेंगे या इस बार तेजस्वी की ताजपोशी होगी। पिछले बार तो नीतीश कुमार ने स्वयं तेजस्वी को अपना उत्तराधिकारी बनाते हुए स्वयं पीछे हटने की बात की थी। हालांकि उस वक़्त नीतीश स्वयं राजद के साथ गठबंधन में थे।