लोकसभा चुनाव के बाद पीएम मोदी ने पहली बार मणिपुर को लेकर संसद में अपना पक्ष रखा। लम्बे समय तक विपक्षी पार्टियों ने पीएम मोदी से मणिपुर पर बोलने को कहा था। हालांकि हिंसा और अन्य मामलों को लेकर जब पीएम मोदी ने पश्चिम बंगाल पर बयान दिया तो विपक्षी पार्टियों ने मणिपुर ना बोलने के लिए उनकी खिंचाई भी की। मोदी ने संसद में मणिपुर की घटना पर बोलते हुए केंद्र सरकार को उसके लिए प्रयासरत बताया।
पीएम मोदी ने कहा की मणिपुर में चल रही हिंसा के दौरान अब तक 11 हज़ार एफआईआर दर्ज किये गए हैं। इसके अलावा 500 से ज़्यादा लोग गिरफ्तार भी किये गए। पीएम मोदी ने अपनी बात रखते हुए कहा की मणिपुर में चल रही हिंसा अब धीरे-धीरे कम होती जा रही हैं। शान्ति की आशा रखना यहां पर संभव होता दिखाई दे रहा है। मोदी ने आगे कहा की वर्त्तमान समय में मणिपुर के अधिकाँश हिस्से अब हिंसा मुक्त हो चुके हैं। वहीं हिंसामुक्त इलाकों में आम जन मानस अपनी साधारण ज़िन्दगी भी जी रहे हैं। वहाँ स्कूल और कॉलेज खुल भी खुल चुके हैं। काम करने वालों के लिए दफ्तर और सम्बंधित संस्थान भी खुल चुके हैं।
पीएम मोदी ने आगे बताया की केंद्र और राज्य सरकार मिलकर शान्ति की दिशा में कदम उठा रहे हैं। आम लोगों और समाज को जोड़कर सबको एक साथ लाना बड़ा काम है जो धीरे-धीरे अपनी गति को पहुंचेगा। इसके साथ ही पीएम मोदी ने मणिपुर पर बोलने के दौरान विपक्षी पार्टियों पर निशाना साधा और कहा की पहले के सरकारों में ऐसा नहीं होता था। मोदी ने अपने सरकार के द्वारा शान्ति बहाल करने के प्रयासों को दोहराते हुए बताया की उनके गृह मंत्री और गृह राज्य मंत्री वहाँ हफ़्तों रहकर इसकी समीक्षा करते हैं।
मणिपुर में शान्ति बहाल करने के प्रयास को लेकर भारत सरकार बहुत सजग है और इसके लिए संबंधित अधिकारी लगातार मणिपुर की यात्रा पर भी होते हैं। लगभग हर संभव प्रयास को आगे बढ़ाते हुए मोदी सरकार मणिपुर में कार्यरत है। मणिपुर में बाढ़ संकट पर बोलते हुए पीएम मोदी ने कहा की केंद्र सरकार, मणिपुर की राज्य सरकार के साथ मिलकर इस पर भी काम कर रही है। NDRF की दो टीमें वहाँ पहुंची हुई है और अन्य प्राकृतिक आपदाओं में भी केंद्र और राज्य सरकार मिलकर काम कर रहे हैं।
राजनीति से ऊपर उठना चाहिए – मोदी
प्रधानमंत्री मोदी ने संसद में मणिपुर पर बोलते हुए कहा की इस मुद्दे पर राजनीति से ऊपर उठकर हम सभी को प्रयास करना चाहिए। ये हम सबका कर्त्तव्य है। मणिपुर में हुई हिंसा को लेकर असामाजिक तत्वों पर मोदी ने चेतावनी भरे लहज़े में कहा की जो लोग इस हिंसा की आग में घी डालने का काम कर रहे हैं। उन लोगों को मणिपुर खुद एक दिन छोड़ देगा। मणिपुर जैसे छोटे राज्य में 10 बार राष्ट्रपति शासन लगाने को लेकर भी पीएम मोदी ने पिछली सरकारों को घेरा और कहा की यह उनके सरकार में नहीं हुआ।
क्या है मणिपुर हिंसा?
मैतेई और कुकी समुदाय की हिंसक झड़प होने के कारण मणिपुर हिंसा इतना बड़ा रूप ले चुकी है। ऐसा बताया जाता है की इनके झगडे की वजह आरक्षण है। पहाड़ियों में रहने वाले कुकी समुदाय सरकार की अनुसूचित जनजातियों की सूची में शामिल हैं, दूसरी तरफ मैतेई इसमें नहीं आता हैं। इसलिए मैतेई समुदाय के लोग लंबे समय से अनुसूचित जनजाति का दर्जा देने की मांग कर रहे हैं। हालांकि इसके इतर कहीं-कहीं धार्मिक झगडे भी नज़र आते दिखाई देते हैं लेकिन उसको इतनी प्रमुखता से नहीं देखा गया है।
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