डिजिटल हाजिरी को लेकर उत्तर प्रदेश सरकार ने बेसिक शिक्षकों के लिए ‘ऑनलाइन हाजिरी’ की व्यवस्था की थी। इस पहल को शुरू करने का मकसद शिक्षकों की लेट लतीफी और गैरमौजूदगी पर लगाम लगाना था। इस आदेश को 8 जुलाई से लागू किया जाना था लेकिन शिक्षकों ने इसका विरोध करना शुरू कर दिया। हमने पिछली रिपोर्ट में शिक्षकों के द्वारा किये गए विरोध को भी बताया था। मौजूदा समय में ‘ऑनलाइन अटेंडेंस’ को लेकर ऐसी खबर आ रही है की सरकार इस आदेश को वापस लेकर इसको स्थगित करने वाली है। हालांकि आधिकारिक रूप से ऐसी कोई भी खबर अभी तक नहीं आई है।
अखिलेश यादव ने भी किया विरोध
उत्तर प्रदेश के बेसिक, कम्पोजिट और कस्तूरबा स्कूलों में 8 जुलाई से डिजिटल हाजिरी का प्रावधान किया गया था जिसको लेकर शिक्षकों ने रोष जताया था। शिक्षकों के विरोध के बाद ही अखिलेश यादव ने भी शिक्षकों की इस मांग का समर्थन करते हुए सरकार का विरोध किया है।बीती रात सोशल मीडिया X पर पोस्ट करते हुए उन्होंने लिखा की शिक्षकों की एकता के सामने भाजपा सरकार को अपना निर्णय स्थगित करना पड़ा। उन्होंने भाजपा पर निशाना साधते हुए लिखा की भाजपा को अब ये समझ आ गया होगा की लोकतंत्र में जनता की आवाज़ ही सबसे बड़ा आदेश होता है न की सत्ता की मनमर्ज़ी। शिक्षकों के इस नैतिक विजय के लिए बधाई।
गौरतलब है की शिक्षकों के विरोध के बाद से उत्तर प्रदेश सरकार इस निर्णय को वापस लेने पर विचार कर सकती है। ऑनलाइन हाजिरी के फैसले आने के बाद यूपी के लगभग 7 लाख शिक्षकों को इस प्रक्रिया से गुज़रना पड़ता जिसके बाद शिक्षक संघ ने इस मांग का विरोध जताते हुए सरकार को फैसला वापस लेने के लिए कहा है। सरकारी स्कूलों में शिक्षकों की स्थिति कैसी होती है ये बात छुपने लायक नहीं है। चाहे वह मामला यूपी का हो या बिहार, सभी जगह लगभग ऐसा ही हाल होता है जहां शिक्षक या तो गैरहाजिर होते हैं या अक्सर लेट आते हैं। इसी कारन को मानते हुए सरकार ने इस ऑनलाइन हाजिरी के नियम को लागू किया था लेकिन अब यह नियम भी वापस हो सकती है। हालांकि अभी तक आधिकारिक रूप से इस पर फैसला नहीं आया है लेकिन ऐसा माना जा रहा है की यह फैसला वापस हो जाएगा।
ऑनलाइन प्रक्रिया के शुरू होने के बाद से शिक्षकों ने सोशल मीडिया पर भी मोर्चा सँभालते हुए इसका विरोध करना शुरू कर दिया था। आलम कुछ ऐसा हो गया था की सोशल मीडिया पर शिक्षकों का विरोध पुरे भारत में ट्रेंड करने लगा। शिक्षकों ने अपनी परेशानी से संबंधित वीडियो और फोटो सोशल मीडिया में डालना शुरू कर दिया था।
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