ज्योतिर्मठ के 46वें शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने राहुल गांधी को लेकर एक बड़ा बयान दिया है। शंकराचार्य ने कहा है की शिव जी की प्रतिमा दिखाने से हिन्दू धर्म का कार्य नहीं होगा। हिन्दू धर्म का कार्य गौ रक्षा से होगा। राहुल गांधी जो खुद को शिवभक्त बताते रहते हैं वो शिव जी के झड़े पर लगे वृषभ की रक्षा कर के दिखाएं। मात्र चित्र दिखाने से राहुल गाँधी शिवभक्त नहीं कहलाए जाएंगे। शिव जी के झंडे में जो वृषभ का चित्र है वह हमारे धर्म का आधार है और उसी का मांस बेचते हो, ये बड़े शर्म की बात है। राजनेताओं को शर्म नहीं आती है। कोई भी हिन्दू नहीं है। जो भी सांसद गौ रक्षा का बिल लेकर नहीं आये, उनमे से कोई हिन्दू नहीं है और वह राजनितिक पार्टी भी हिन्दू नहीं है।
शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानद ने आगे अपने बयान में कहा की चाहे पक्ष हो या विपक्ष, उन सबको सबसे पहले गौ रक्षा का बिल लेकर आना चाहिए। तब तय किया जाएगा की कौन बड़ा हिन्दू है और कौन छोटा हिन्दू? अन्यथा तुम्हे हिन्दू माना ही नहीं जाएगा और आगे चल कर तुम्हे बहिष्कृत किया जाएगा। गौ ह्त्या करने वाला और गौ ह्त्या करने वाले को क्षमा देने वाला हिन्दू हो ही नहीं सकता।
शंकराचार्य का ये बयान भले ही राहुल गांधी को निशाना करते हुए दिखाई देते हैं मगर अपने बयान के माध्यम से स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने उन सभी नेताओं पर निशाना साधा है जो सत्ता में हैं या विपक्ष में हैं। उन्होंने अपने बयान में साफ़ कह दिया की अगर खुद को हिन्दू कहने वाले नेता गौ ह्त्या पर प्रतिबन्ध करने का बिल संसद में नहीं लाते तो वह खुद को हिन्दू कहने लायक नहीं है। उनका यह बयान कांग्रेस के साथ-साथ बीजेपी पर सीधा वार करता हुआ दिखाई देता है। हालांकि उनके इस बयान के बाद राजनितिक नेताओं से कोई प्रतिक्रया की उम्मीद नहीं की जा सकती क्योंकि ये मुद्दा बहुत ही संवेदनशील है और ऐसे में इस पर बहस करना उन राजनेताओं के लिए कठिन हो जाएगा।
आये दिन आपने भी ऐसी कई वीडियो सोशल मीडिया के माध्यम से देखी होंगी जिसमे गौ ह्त्या और गौ रक्षक आपस में उलझते हुए दिखाई देते हैं। आये दिन इस तरह के झगडे भी बहुत आम हो चुके हैं। हाल ही में संसद में राहुल गांधी ने हिन्दुओं को हिंसक बताया था जिसके बाद बीजेपी पार्टी के सारे नेता उनका विरोध कर रहे थे। राहुल गांधी अक्सर खुद को सबसे बड़ा हिन्दू और ब्राह्मण बताते हैं और ऐसे में उनका हिन्दू विरोधी बयान नया प्रतीत नहीं होता है। इसे पहले भी वह अंतर्राष्ट्रीय प्लेटफार्म पर हिन्दू धर्म और कट्टर हिंदुत्व को लेकर बयान दे चुके है। शंकराचार्य का ये बयान उन सभी नेताओं तक पहुँच चुका होगा जो खुद को बड़ा हिन्दू बताने में लगे रहते हैं। उन्होंने साफ़ कहा है की अगर वो गौ ह्त्या पर प्रतिबन्ध का बिल नहीं लाते हैं तो वह हिन्दू कहलाने लायक ही नहीं है।
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