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‘धर्म के नाम पर बँटवारा हुआ फिर ऐसा प्रश्न क्यों?’ जमीयत-उलेमा-हिन्द पर गिरिराज का पलटवार

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जमीयत-उलेमा-हिन्द की तरफ से एक बयान आया है जिसमे उनका कहना है की सरकारी स्कूलों में ‘सूर्य नमस्कार’, ‘सरस्वती पूजा’ अथवा ‘हिन्दू गीत’ बच्चों पर नहीं थोपना चाहिए। उनके इसी बयान के बाद चर्चित और विवादों में रहने वाले बीजेपी के फायर ब्रांड हिन्दू नेता और केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने पलटवार किया है। उन्होंने कहा है की धर्म के आधार पर 1947 में हमने मुसलमानो को अलग देश पाकिस्तान दे दिया था। उसके बाद इस तरह का प्रश्न उठना ही नहीं चाहिए।

आज से कुछ महीनो पहले पुरे देश के अंदर स्कूलों में हिजाब पहन कर जाने वाली घटना देश का बड़ा मुद्दा बनी हुई थी। ठीक उसी समय ईरान के अंदर नकाब हटाने के विरोध में कितनी लड़कियों और महिलाओं पर वहाँ की सरकार ने दंड दिया। लेकिन मौजूदा समय में जमीयत-उलेमा-हिन्द को स्कूल के अंदर होने वाली प्रार्थना, सूर्य नमस्कार और सरस्वती पूजा से परेशानी होने लगी। इस तरह का बयान बस चर्चा भर प्रतीत नहीं होता बल्कि इसके अलग मायने दिखाई पड़ते हैं। आपमें से कितने ही लोग विद्यालयों में पढ़ चके होंगे और पढ़ने के दौरान प्रार्थना एवं सरस्वती पूजा जैसे मौके भी आये होंगे जो बिलकुल सामान्य प्रतीत होते हैं। अगर स्कूल के अंदर धर्म के हिसाब से सभी को अलग कर दिया जाए तो उस हिसाब से हर धर्म और वर्ग के लोगों के लिए अलग विद्यालय की व्यवस्था करनी पड़ेगी।

बेगूसराय में मीडिया से बात करने के दौरान गिरिराज सिंह ने कहा की यह देश का दुर्भाग्य है। भारत के अंदर वोट बैंक की राजनीति करने वाले लोग सनातन धर्म के ऊपर सांस्कृतिक प्रहार कर रहे हैं। गौरतलब है की बीते दिनों गिरिराज सिंह ने भारत के अंदर बढ़ती जनसख्या को लेकर भी बयान दिया है। जिसमे उन्होंने चीन का हवाला देते हुए कहा की अगर चीन 1979 में ‘वन चाइल्ड’ पॉलिसी नहीं लाती तो वह कभी आगे नहीं बढ़ पाती। हमें भी ऐसे ही एक सख्त क़ानून की ज़रूरत है ताकि भारत की बढ़ती जनसंख्या पर लगाम लगाया जा सके।

उन्होंने जनसंख्या नियंत्रण क़ानून को सख्ती से लागू करने की बात कही। उन्होंने कहा की इस क़ानून को लाया जाए और जो इसको नहीं माने उसका वोटिंग अधिकार ख़त्म कर दिया जाए। ज़ाहिर है गिरिराज सिंह अक्सर अपने तीखे बयान के लिए जाने जाते हैं और इस तरह के मुद्दे पर उनका बयान सरकार को कितना आकृष्ट करती है ये देखने वाली बात होगी? मौजूदा समय में चीन को पीछे छोड़कर भारत दुनिया की सबसे बड़ी जनसख्या वाला देश बन चुका है और इतनी जनसंख्या होने के बाद देश की स्थिति को सुधारना चुनौती भरा काम है।

Image Source – Google

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