जेवरात गिरवी रखकर कंगना ने फिल्म ‘इमरजेंसी’ बनाई है। यह बात उन्होंने खुद सोशल मीडिया X पर पोस्ट लिख कर कही है। इसके साथ ही उन्होंने लोगों से अनुरोध किया है की वह इस फिल्म को देखें। 6 सितंबर को फिल्म ‘इमरजेंसी’ रिलीज़ होने वाली है। इस फिल्म के मुख्य किरदार के रूप में कंगना रनौत और सह कलाकार के रूप में हैं मिलिंद सोमन, विशाक नायर, महिमा चौधरी हैं। यह फिल्म ‘इमरजेंसी’ की घटना को दिखाती है जिसके निर्देशन और निर्माण खुद कंगना रनौत ने किया है।
इस फिल्म में कंगना रनौत खुद इंदिरा गांधी का किरदार निभा रही हैं। वहीं फील्ड मार्शल के तौर पर मिलिंद सोमन कमान संभाल रहे हैं। संजय गाँधी बने हैं विशाक नायर और बाबू जगजीवन राम का किरदार निभाया है सतीश कौशिक ने। इसके अलावा अनुपम खेर भी इस फिल्म में हैं जो जयप्रकाश नारायण का किरदार निभा रहे हैं। गौरतलब है की उस दौर में जयप्रकाश नारायण ही थे जिन्होंने क्रान्ति का बिगुल फूंका था और उस क्रान्ति में कई नेताओं का जन्म भी हुआ था। उसी में लालू यादव, नीतीश कुमार जैसे नेता भी आते हैं। अटल बिहारी वाजपेयी का किरदार मिला है अभिनेता श्रेयस तलपड़े को। इन सब में सबसे मज़बूत और मुख्य किरदार खुद कंगना रनौत निभा रही हैं। यह फील्म इमरजेंसी के दौरान हुए घटनाक्रम पर आधारित है। अब देखना है यह फिल्म दर्शकों को कितना पसंद आती है।
क्यों लागू की गई थी ‘इमरजेंसी’?
इंदिरा गांधी ने 26 जून 1975 की सुबह देश को दिए अपने सन्देश के माध्यम से कहा की जिस तरह का माहौल देश के अंदर बनाया जा रहा है जिसमे सेना, पुलिस और अधिकारीयों को भड़काया जा रहा है। उससे ज़रूरी हो गया है की देश में ‘आपातकाल’ लगाया जाए। इसका कारण बस एक है की देश की अखण्डता और एकता की रक्षा की जा सके। इंदिरा गांधी ने इन सबके लिए एक व्यक्ति को टारगेट किया था जो थे लोकनायक जयप्रकाश नारायण।
देश की अखंडता और एकता के नाम पर आपातकाल तो लगा दिया गया लेकिन उसके बाद से जिस तरह का माहौल देश में बना वो देश के लोकतान्त्रिक इतिहास के लिए एक काला अध्याय के सामान है। आपातकाल के दौरान कई ऐसी घटनाएं हुई जिसमे आम लोगों से लेकर बड़े विपक्षी नेताओं को तकलीफें उठानी पड़ी। कई नेताओं को वेश बदल कर घूमना पड़ा और उन सबमे अभी मौजूदा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी आते हैं। जिन्होंने सिख व्यक्ति का वेश रख के इमरजेंसी के खिलाफ कमान संभाली थी।
आने वाली 6 सितंबर को यह फिल्म सिनेमाघरों में लोगों के लिए लगाईं जाएगी। कंगना के कथन के अनुसार उन्होंने अपना सब कुछ इसमें लगा दिया है और जनता से अपील की है की वह इस फिल्म को ज़रूर देखें। अब देखना है की यह फिल्म सिनेमाघर में आने के बाद कितना कमाल दिखाती है और ‘आपातकाल’ की स्थिति को सफल तरीके से कैसे दिखाती है?