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“खालसा राज का सपना देखना कोई गुनाह नहीं” – अमृतपाल सिंह

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बीते दिनों अमृतपाल सिंह ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट किया, जो हालिया लोकसभा चुनाव में जीत कर खादूर साहिब से सांसद बने हैं। उन्होंने अपनी पोस्ट में अपनी मां के द्वारा दिए गए बयान से दुखी दिखाई दिए। गौरतलब है की अमृतपाल सिंह की मां ने मीडिया में एक बयान दिया था जिसमे उन्होंने बताया था की उनका बेटा अमृतपाल कोई खालिस्तान समर्थक नहीं है। वह पंजाब के हक़ की बात करता है। पंजाब के लिए और पंजाब के नौजवानों के लिए बात करने से कोई खालिस्तानी समर्थक नहीं हो जाता।

अमृतपाल की मां के बयान के बात बीते दिनों अमृतपाल के सोशल मीडिया हैंडल X से एक पोस्ट किया गया। जिसमे अमृतपाल सिंह लिखते हैं, “राज्य बिना किसी धर्म के चलता है और बिना धर्म के सब कुछ एक में मिल जाता है। आज जब मुझे पता चला की मेरी माता जी ने कल क्या बयान दिया है, इससे मैं बहुत दुखी हुआ हूँ। इस तरह का समर्थन उनकी तरफ से नहीं होना चाहिए था। खालसा राज का सपना देखना कोई गुनाह नहीं है। यह एक गर्व की बात है। हम इस बात से कभी अपने कदम पीछे नहीं हटा सकते जिसके लिए लाखों सिखों ने अपनी जान दे दी। मैंने पहले भी कई बार कहा है और आज भी कहता हूँ, पंथ और परिवार चुनने की बारी आएगी तो मैं हमेशा पंथ के साथ खड़ा मिलूंगा।

इस संबंध में इतिहास का वह वाक्य बिल्कुल उपयुक्त है जहां बंदा सिंह बहादुर के साथ सिंह शहीद हो रहे थे तो एक 14 वर्षीय युवक की मां ने उसे बचाने के लिए कहा कि अगर यह युवक सिख नहीं होता तो इसे मार दिया जाता युवक ने आगे कहा कि अगर यह महिला कहती है कि मैं गुरु की सिख नहीं हूं तो मैं कह देता हूं कि वह मेरी मां नहीं है। मैं अपने परिवार को चेतावनी देता हूं कि वे कभी भी सिख राज्य से समझौता करने के बारे में न सोचें, यह कहना तो बहुत दूर की बात है और सामूहिक दृष्टिकोण से कहें तो ऐसी गलती नहीं की जानी चाहिए।”

आगे वह पोस्ट के अंतिम में लिखते हैं गुरु पंथ का गुलाम, अमृतपाल सिंह कैदी डिब्रूगढ़ जेल आसाम। ज़ाहिर है अमृतपाल सिंह की मंशा और उनकी छवि जिस तरह की बनी हुई है वह उस पर कायम है। उनकी मां के बयान के बाद ऐसा लग रहा था जैसे वह बदल गए हों लेकिन खालसा देश की मांग जो उन्होंने लेकर चली थी वह अभी तक कायम है और उसको लेकर वह ढृढ़ दिखाई देते हैं।

अमृतपाल सिंह एक कट्टर सिख नेता हैं जो वारिस पंजाब दे के मुखिया हैं। पिछले साल इन पर NSA के तहत मुकद्दम दर्ज किया था जिसके बाद से ये आसाम की जेल में बंद है। हाल ही में लोकसभा चुनाव में जीत दर्ज करने के बाद ये पेरोल पर बाहर आकर शपथ कार्यक्रम में शामिल हुए थे।

Image Source – Google

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