13 जुलाई को ध्रुव राठी ने सोशल मीडिया X पर एक पोस्ट करते हुए ‘टाइम्स ऑफ़ इंडिया’ अखबार को टैग किया है। जिसमे ध्रुव ने लिखा है की की टाइम्स ऑफ़ इंडिया के अखबार के फ्रंट पेज पर उसके बारे में फेक न्यूज़ क्यों फैलाई जा रही है? साथ ही उसने यह भी बताया की जाकर पहले इस बारे में पता करो की जिसने ये फेक न्यूज़ फैलाई है वह एक पैरोडी ट्वीटर अकाउंट है। ध्रुव राठी का इसके साथ कोई लेना देना नहीं है। गौरतलब है की ध्रुव राठी नाम से एक पैरोडी अकाउंट ट्वीटर पर चलाया जाता है जिसमे अकाउंट बनाने वाला खुद को ध्रुव राठी का फैन बताता है और राजनितिक मुद्दों पर अक्सर ट्वीट किया करता है।
उसी पैरोडी अकाउंट से लोकसभा स्पीकर ओम बिरला की बेटी अंजलि बिरला के खिलाफ फेक न्यूज़ डाली थी। जिसमे कहा गया था की अंजलि बिरला ने बिना यूपीएससी परीक्षा दिए बिना एग्जाम पास किया और अधिकारी बन गई। जिसके बाद मानहानि, जानबूझकर अपराध करना आदि धाराओं सहित उसपर मुकद्दमा किया गया था। यह मुकद्दमा महाराष्ट्र के साइबर सेल में दर्ज किया गया था। जिसके बाद कार्रवाई की गई और कथित अपराधी को ट्वीट कर सार्वजनिक माफ़ी मांगनी पड़ी। ध्रुव राठी के पैरोडी अकाउंट से उस माफीनामे का पोस्ट भी किया गया जिसमे लिखा गया की महाराष्ट्र साइबर सेल के निर्देशानुसार वह अंजलि बिरला से संबंधित सभी भ्रामक पोस्ट डिलीट कर रहा है और इसके लिए माफ़ी भी मांग रहा है। इसके साथ उसने महाराष्ट्र साइबर सेल के द्वारा मिले मैसेज का स्क्रीनशॉट भी शेयर किया जिसमे अपमानजनक पोस्ट का लिंक दिया हुआ था।
ज़ाहिर है ध्रुव राठी पैरोडी के नाम से आईडी होने के बावजूद ध्रुव राठी का नाम लेकर उसे अख़बार में छापना एक बड़ी गलती मालुम होती है। टाइम्स ऑफ़ इंडिया एक बड़ा और पुराना अखबार है और ऐसे में उनसे इस तरह की गलती की अपेक्षा नहीं की जा सकती। ऐसे में ध्रुव राठी का टाइम्स ऑफ़ इंडिया को टैग कर ट्वीटर पर सवाल पूछना उचित है। ऐसे और भी कई मीडिया संस्थान है जिन्होंने सीधे ध्रुव राठी का नाम लेकर खबर छापी है जबकि ध्रुव राठी इसमें कही से भी आरोपी नहीं है। वह एक महशूर यूट्यूबर है और ऐसे में उसका नाम भुनाना किसी के लिए भी बड़ी बात नहीं है। अब देखना है की टाइम्स ऑफ़ इंडिया सहित अन्य मीडिया संस्थान इसको लेकर कब तक माफीनामा जारी करते है?
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